हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله
یَا فَاطِمَةُ! لَوْ أَنَّ کُلَّ نَبِیٍّ بَعَثَهُ اللَّهُ وَ کُلَّ مَلَکٍ قَرَّبَهُ- شَفَعُوا فِی کُلِّ مُبْغِضٍ لَکِ غَاصِبٍ لَکِ مَا أَخْرَجَهُ اللَّهُ مِنْ النَّارِ أَبَداً
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
ऐ फ़ातिमा! अगर अल्लाह के भेजे हुए तमाम नबी और उसके दरबार के मुक़र्रब तमाम फ़रिश्ते भी तुम्हारे दुश्मन जिसने तुम्हारा हक़ छीना है की सिफ़ारिश करें, तब भी अल्लाह तआला उसे कभी भी दोज़ख़ की आग से नहीं निकालेंगा।
बिहारूल अनवार,भाग 76,पेज 354
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